मन की बात ,कोई न जानें
मैं प्रिया ,अपने शीर्षक से आपको यही एहसास दिलाना चाहती हू की
मन की बात हम किसी को भी नहीं बता सकते .. कोई कितना भी खास हो हमारे जीवन मैं ...|कोई न कोई ऐसी बाते होती जिसे कोई नही समझ सकता ,न हम किसी को बता ही सकते।...
इसी लिए कहा गया है,
मन की बात मन मैं रहने दो दुसरो को बताएं बस नुमाइश ही होगी।
जिंदगी में कभी किसी के सहारे नही रहना चाहिए। हम खुद को काबिल बना सकते है। बस हमे बहुत सारी मेहनत करनी हैं, उसके बाद सब कुछ अपना ही हैं।क्योंकि ,जो भी करना है, वो खुद आपको ही करना है।
दोस्तो परेशानी से कभी घबराना नहीं चाहिए , क्योंकि उसका सामना करने के बाद आपके जिंदगी में खुशियां ही खुशियां होगी। बस थोड़े से धैर्य की जरूरत है।
लाखों ठोकरों लगने के बाद भी संभालता रहूंगा
गिरकर फिर से उठूंगा और चलता। रहूंगा....
चाहे जिंदगी का कोई भी खास व्यक्ति हो ,माता जी~ पिता जी या फिर पति~ पत्नी, बच्चे हम सारी बाते सबको नही बता सकते।खास तो औरतों को ज्यादा सब कुछ सहना पड़ता है, चाहे मायका हो या ससुराल । इसीलिए उदास न हो आप । आपने आपको इतने काबिल बनावो की दुनिया आपके नाम से ही आपको पहचाने।
मंजिल उन्हें ही मिलती है।
जिनके सपनों में जान होती है।
पंखों से कुछ नही होता, हौसलों
में उड़ान होती हैं।
कोई भी छोटी से छोटी या बड़ी से बड़ी से चीज के लिए आपको दूसरे का मोहताज न होना पड़े।खास तौर पर घरेलू महिला लोग।इन लोगो को बहोत कुछ सहन करना पड़ता हैं जीवन में।
" निंदा"
से घबराकर अपने
" लक्ष्य"
को ना छोड़े क्योंकि
" लक्ष्य"
मिलते ही निंदा करने वालो की
"राय"
बदल जाती हैं
आपक शुभचिंतक
प्रिया श्रीवास्तव।
हम मिलते है , फिर से नए पोस्ट में। मैं फिर कुछ अलग आप लोगो के लिए लिखना पसंद करूंगी।अगर मेरे पोस्ट आपको पसंद आए तो कृपया मुझे कमेंट कर के बताए।।।।
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